रायपुर/कोरबा : डीजल चोरी घोटाले में एसईसीएल प्रबंधन मौन, क्या किसी की जवाबदेही नही?
ओमप्रकाश साहू
रायपुर : INN24 न्यूज़ द्वारा गेवरा, कुसमुंडा, दीपका आदि SECL के कोल खनन क्षेत्र के अंतर्गत पूर्व में चल रहे डीजल चोरी घोटाले में कई बड़े खुलासे किए इन खुलासों में अधिकारियों की मिलीभगत के प्रमाण सामने आए कैसे एक संगठित तरीके से इतने बड़े घोटाले को जन्म दिया गया और बड़ी ही सफाई के साथ शासन प्रशासन को गुमराह करते हुए करोड़ों की राशि को डकार दी गई ।
चोरी की शिकायत की फिर वापस लिया किस अधिकार से ?
जिस वक्त पूरी दुनिया कोविड-19 के प्रभाव से जूझ रही थी और पूरी अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी उस वक्त एसईसीएल के कुसमुंडा क्षेत्र के अधिकारी अपने जीवन के सबसे कमाई वाले दिनों का अनुभव कर रहे थे उन दिनों डीजल, कोयला, कबाड़ चोरी अपने चरम पर थी शासन-प्रशासन, स्वास्थ्य अमला की सहायता के लिए और लोगों की जान की रक्षा के लिए पूरी मुस्तैदी के साथ लगा हुआ था उसी दौरान डीजल माफिया और कुछ छोटे बड़े चोर एसईसीएल के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर हजारों लीटर की तादाद में प्रतिदिन चोरी कर उस डीजल को आसपास के क्षेत्रों में खपा रहे थे, डीजल की कितनी मात्रा चोरी हुई के अगर उसकी राशि निकाली जाए तो करोडों में होती है जिसकी शिकायत एसईसीएल सुरक्षा प्रभारियों द्वारा दी गई है । इन सुरक्षा प्रभारियों के अलग-अलग कार्यकाल में लगातार चोरियां हुई और इन चोरियों में सबसे अहम बात यह बाहर आई थी इनके द्वारा सभी चोरी की शिकायत को वापस ले लिया गया उक्त शिकायत वापसी पत्र में इन्होंने अधिकारी के दबाव में आकर शिकायत करना एवं चोरी की जानकारी ना होना यही कारण बताकर पूरे के पूरे शिकायतों को वापस ले लिया जाता था। पुलिस अपने गश्ती के दौरान या फिर मुखबिर की सूचना पर कभी-कभी छोटी मोटी कार्यवाही कर अपनी पीठ थपथपा लिया करती थी पर इतनी प्रचुर मात्रा की चोरी की शिकायत मिलने पर भी पुलिस ने कभी भी पूरे सिंडिकेट को तोड़ने के लिए किसी भी प्रकार के प्रयास या कार्यवाही नहीं की जो कि सोचने की बात है जिस पर हम अपने अगले अंक में आपके सामने जानकारी साझा करेंगे।
शिकायत पर कार्यवाही नहीं
आरटीआई एक्टिविस्ट जितेंद्र साहू ने SECL से लिखित शिकायत कर प्रकरण में उचित कार्यवाही की मांग की है साथ ही कोरबा जिलाधीश एवं कोरबा कप्तान कार्यालय में भी शिकायत की और इस पूरे प्रकरण की जानकारी दस्तावेजी रूप में जमा की गई है आज 2 माह बीत जाने के बाद भी कोरबा कलेक्टर कार्यालय से न ही कोरबा एसपी कार्यालय से मामले में संलिप्त एवं जिम्मेदार पदाधिकारियों पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई है ।
Secl द्वारा शून्य प्रतिक्रिया, जिम्मेदार मौन, 150 मिलियन टन उत्पादन पर लूट रहे वाह वाही
जब हमने एसईसीएल का पक्ष जानने का प्रयास किया और पीआरओ डॉक्टर शनिश चंद्र को इसके बारे में बयान जारी करने को कहा तब से लेकर आज दिनांक तक इस गंभीर डीजल चोरी घोटाले में उनका बयान जारी नहीं हुआ, एसईसीएल अपनी डेढ़ सौ मिलियन टन उत्पादन की बड़ाई करने में ही जुटा हुआ है क्या इतने बड़े डीजल चोरी घोटाले पर जिम्मेदार अधिकारी एवं कर्मचारियों पर कार्रवाई करना संबंधित विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी नहीं है? इतने बड़े घोटाले को या कहे चोरी को अंजाम देने में या अंजाम देने में सहायता करने के लिए सुरक्षा अधिकारी, खनन अधिकारी , स्टोर इंचार्ज एवं खदान प्रमुख, जनरल मैनेजर की किसी प्रकार की जिम्मेदारी स्थापित नहीं होती है? क्या इतने बड़े राजस्व की हानि हुई और संगठित तरीके से अंजाम दिया गया उसकी जांच कर जेम्मेदार पर कार्यवाही करना नही चाहिए? उत्पादन जरूरी है पर पीछे के दरवाजे से अगर इतने बड़े मामलो को संज्ञान में नही लिया जाएगा तो इसमें क्या सबकी मिलीभगत है।
एसईसीएल इतना बृहद है और किसी भी प्रकार के संवाद के लिए केवल एक व्यक्ति डॉक्टर शानिष चंद्र है और जिनसे मिलना या बात करना दोनों ही एक कठिन कार्य है । प्रबंधन को इतने गंभीर विषय पर किसी भी प्रकार का बयान या कार्यवाही न करना कई प्रश्न को जन्म दे रहा है।
इस पूरे मामले में पुलिस की भी भूमिका संदिग्ध रही है जिसका खुलासा हम अपने अगली कड़ी में आपके सामने रखेंगे।